,इमरान देशभक्त
रूड़की।उत्तराखंड मदरसा शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी ने कहा है कि उत्तराखंड में मदरसा शिक्षा के अंतर्गत धार्मिक पाठ्यक्रमों के साथ-साथ, सभी धर्मों के महान सूफी-संतों की जीवनी व उनकी शिक्षाओं को भी शामिल किया जायेगा,जिन्होंने मानवीय मूल्यों,राष्ट्रीय एकता,सौहार्द तथा सामाजिक समरसता के लिए अपने जीवन को समर्पित किया है।मुफ्ती शमून कासमी ने पिरान कलियर में प्रसिद्ध सूफी सन्त हजरत मखदूम साबिर पाक की दरगाह में हाजिरी दी।कौम और देश व प्रदेश की उन्नति व शांति के लिए दुआ की।उन्होंने कहा कि हजरत साबिर पाक की दरगाह केवल मुस्लिम समुदाय के लिए ही नहीं,बल्कि हर धर्म के मानने वाले लोगों के लिए आस्था की प्रतीक है।अंतरराष्ट्रीय शायर व उत्तराखंड उर्दू अकादमी के पूर्व उपाध्यक्ष अफजल मंगलौरी ने मुफ्ती शमून को जियारत के बाद मांगपत्र दिया,जिसमें उन्होंने पिरान कलियर में मदरसा बोर्ड की ओर से राष्ट्रीय तालीमी इदारा स्थापित किये जाने की मांग की,जिस पर उन्होंने मुख्यमंत्री से विचार विमर्श करने का आश्वासन दिया।मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अल्पसंख्यक वर्ग के लिए हवाई नहीं,बल्कि धरातल पर योजनाएं बनाकर उनके विकास की राहें खोल रहे हैं।उन्होंने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि है,इसके सम्मान व पवित्रता के लिए हिन्दू भाइयों के साथ-साथ मुस्लिम समुदाय को भी अपना योगदान देना चाहिए।उन्होंने कहा कि वे उत्तराखंड में गाय व गंगा की रक्षा के लिए मुस्लिम समाज में अभियान चलाएंगे तथा मदरसों धार्मिक शिक्षा के साथ योग,वेद व भारतीय महापुरुषों की जीवनी को भी पाठ्यक्रम में शामिल कराया जाएगा।उन्होंने कहा कि लंढोरा में मदरसों के उलेमाओं से उनकी बातचीत हुई है और वे सँस्कृत,वेद और योग की शिक्षा को पाठ्यक्रम में शामिल किये जाने के विरोधी नहीं है।इस अवसर पर पीरान कलियर नगर पंचायत के चेयरमैन प्रतिनिधि शफक्कत अली,सनाउल्लाह गाजी, अनीस कस्सार,इमरान देशभक्त,अनीस तुर्क,ओम प्रकाश नूर,सलमान फरीदी व नफीसुल हसन आदि मौजूद रहे।