Uttarakhand News: आपदा प्रभावित क्षेत्रों में तेज़ी से बहाल हो रही बिजली आपूर्ति, 50 गांव के हजारों उपभोक्ता हुए प्रभावित, 45 गांवों में बहाल की गई आपूर्ति….


उत्तराखंड : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर प्रदेश के आपदाग्रस्त क्षेत्रों में सामान्य जनजीवन बहाली का कार्य युद्धस्तर पर जारी है. रुद्रप्रयाग जिले में चेनीगाड, जखोली और तपोवन क्षेत्र के 258 गांवों में से 245 गांवों की विद्युत आपूर्ति बहाल कर दी गई है. शेष 13 गांवों में शनिवार रात तक विद्युत आपूर्ति सुचारू कर दी जाएगी. विगत दिवस शुक्रवार को रुद्रप्रयाग और बागेश्वर जिलों में प्राकृतिक आपदा से कई गांवों की विद्युत आपूर्ति ठप हो गई है. इस चुनौतीपूर्ण परिस्थिति में यूपीसीएल की फील्ड टीमों ने कठिन भौगोलिक परिस्थितियों और प्रतिकूल मौसम में निरंतर कार्य कर विद्युत आपूर्ति की बहाली सुनिश्चित की है.

यूपीसीएल के प्रबंध निदेशक ने बताया कि मुख्यमंत्री के दिशा निदेर्शों और मार्गदर्शन में बिजली आपूर्ति की पुनर्बहाली का कार्य युद्धस्तर पर किया जा रहा है. बागेश्वर जिले के कपकोट ब्लॉक में भी भीषण आपदा के कारण 11 केवी लाइन बाधित हुई, जिससे लगभग 50 गांव और करीब 3000 उपभोक्ता प्रभावित हुए. यहां की भौगोलिक परिस्थितियां अत्यंत जटिल हैं, ऐसी परिस्थितियों में यूपीसीएल की टीमों के अथक प्रयासों से मात्र एक दिन में 45 गांवों की विद्युत आपूर्ति बहाल कर दी गई है. शेष पांच गांवों में कार्य तीव्र गति से जारी है.

प्रबन्ध निदेशक द्वारा आज शनिवार को सभी क्षेत्रीय अधिकारियों के साथ विद्युत आपूर्ति की वर्तमान स्थिति, आपदा से हुए नुकसान, पुनर्बहाली कार्यों की प्रगति और भविष्य की तैयारियों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई. बैठक में समस्त मुख्य अभियंताओं, अधीक्षण अभियंताओं और अधिशासी अभियंताओं ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रतिभाग किया. प्रबंध निदेशक ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मार्गदर्शन में यूपीसीएल टीम द्वारा त्वरित कार्य किया गया है और आपदा की स्थिति में उपभोक्ताओं तक शीघ्र और सतत विद्युत आपूर्ति पहुंचाना यूपीसीएल की सर्वोच्च प्राथमिकता है और इस दिशा में फील्ड स्तर पर कार्यरत अभियंताओं एवं कर्मचारियों की निष्ठा व तत्परता प्रशंसनीय है.

बैठक में प्रबंध निदेशक ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि आपदा के कारण हुए कुल नुकसान का विस्तृत ब्योरा तत्काल प्रस्तुत किया जाए. इसमें खंभों, कंडक्टरों और अन्य उपकरणों को हुए नुकसान का समग्र विवरण सम्मिलित किया जाए. साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि सभी अधीक्षण अभियंता और अधिशासी अभियंता अपने-अपने क्षेत्रों में उपलब्ध भंडारित सामग्री की सतत निगरानी करें. उन्होंने कहा कि आपदा की घड़ी में प्रभावित गांवों को सहायता पहुंचाने के लिए प्रत्येक एस डीओ/जेई एवं फील्ड स्टाफ को बैकअप के लिए आपातकालीन लाइटें उपलब्ध कराई जाएं तथा सभी अधिकारियों के मध्य संचार समन्वय को सुचारु बनाए रखने के लिए वॉकी-टॉकी और अन्य संचार उपकरण प्रत्येक स्तर पर अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराये जाने हेतु भी निर्देशित किया गया.



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