जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने शुक्रवार को वीसी के माध्यम से वन भूमि हस्तांतरण मामलों की समीक्षा बैठक ली। उन्होंने विभागों को निर्देशित किया कि आपस में समन्वय बनाकर वन भूमि के लंबित प्रकरणों का त्वरित निस्तारण किया जाए। ताकि कोई भी सड़क एवं विकास कार्य वन भूमि हस्तांतरण के कारण लंबित न रहे।

जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि सीए लैंड न मिलने के कारण जो प्रस्ताव लंबित है उनके लिए तहसील स्तर पर एसडीएम की अध्यक्षता में बैठक करते हुए 15 दिनों के भीतर सभी प्रकरणों का निस्तारण करते हुए प्रस्ताव ऑनलाइन करना सुनिश्चित करें। समरेखण विवाद वाले मामलों को सुलझाने के लिए एसडीएम के सहयोग से स्थानीय लोगों एवं जन प्रतिनिधियों से साथ वार्ता करें। वन भूमि हस्तांतरण के जो प्रस्ताव शासन, नोडल एवं भारत सरकार स्तर पर लंबित हैं, उनका विभागीय अधिकारी नियमित फॉलो अप करें। जिन प्रस्तावों में आपत्तियां दर्ज की गई है, उनका त्वरित निराकरण किया जाए। क्षतिपूरक भूमि की आवश्यकता वाले प्रकरणों में भूमि उपलब्ध कराई जाए। ऐसे मामले जिनमें संयुक्त निरीक्षण किया जाना है उनको जल्दी करें। नए प्रकरण को भी शीघ्र ऑनलाइन किया जाए। जिलाधिकारी ने कहा कि वन, लोनिवि व अन्य सड़क निर्माण संस्थाऐं आपस में तालमेल बनाकर सड़कों का निर्माण और विकास कार्यो को जनहित में तेजी से पूरा करें। इस दौरान सभी डिविजनों में लंबित मामलों की विस्तार से समीक्षा की गई।
बैठक में बताया गया कि लोक निर्माण विभाग, पीएमजीएसवाई, पेयजल निगम, जल संस्थान और शिक्षा के वन भूमि हस्तांतरण संबंधी कुल 71 प्रस्तावों प्रक्रिया में है। जिसमें से 35 मामले प्रस्तावक विभाग, 20 प्रभाग स्तर, 03 वन संरक्षक, 11 नोडल स्तर तथा एक तहसील स्तर पर प्रक्रिया में है।
बैठक में प्रभागीय वनाधिकारी सर्वेश कुमार दुबे, अपर जिलाधिकारी विवेक प्रकाश, एसडीओ जुगल किशोर, ईई लोनिवि आरएस चौहान, ईई जल संस्थान एसके श्रीवास्तव, वर्चुअल माध्यम से सभी एसडीएम सहित वन, लोनिवि व पीएमजीएसवाई के अन्य डिवीजनों के अधिशासी अभियंता मौजूद थे।

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